जनपद एटा,
आखिर एटा में लकड़ी माफियाओं को इतनी हिम्मत कहाँ से मिलती है जो हरे प्रतिबन्धित पेड़ों को नष्ट कर मैदान बना रहे हैं, लकड़ी मैयाओं के हौसले इतने बुलन्द कैसे हैं आखिर किसका सरंक्षण प्राप्त है, बिभगीय कर्मचारियों की मिली भगत या माफियाओं की दबंगई। पिछले माह एक मामला सुर्खियों में था जब एटा थाना मलावन क्षेत्र के गांव नगला भूपाल में एक नहीं सैकड़ों नहीं 600 से ऊपर हरे प्रतिबन्धित पेड़ों का कटान हुआ था उस वक्त शायद बिभाग चैन की नींद सो रहा था , जबकि वह कटान कई दिनों चला था,उस मामले में ग्रामीणों का आरोप था कि बिभाग की मिलीभगत से वह कटान हुआ था। उस मामले की आग बुझी नहीं कि एक और मामला सामने आ गया यहां तो सरकारी पेड़ लकड़ी माफिया काट ले गए , जब तक एटा बन बिभाग जागा, तब तक माफिया लकड़ी काटकर भागा ।
दरअसल मामला जनपद एटा थाना क्षेत्र पिलुआ ब्लॉक निधौली के गांव कंचनगढ़ी का है जहां उस वक्त हलचल मच गई जब लकड़ी माफियाओं ने सरकारी पेड़ों को अपना निशाना बनाया जहां माफियाओं ने मौका पाते ही सरकारी पेड़ों पर आरा चला दिया और काटकर ले गए।
जब इसकी सूचना बन बिभाग के जिम्मेदार क्षेत्रीय इंचार्ज राहुल चौधरी को दी गई तो मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना किया जहां माफियाओं द्वारा काटा गया कुछ लकड़ी का जखीरा व एक ट्राली तैनात पाई गई जिसमें माफिया लकड़ी भरने की फिराक में थे। राहुल चौधरी ने माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया। अब देखना है कि माफियाओं के के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।