एटा,
यह खबर उत्तर प्रदेश के एटा जिले से है, जहाँ एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है — एक चार-बच्चों की माँ ने Instagram के माध्यम से दोस्ती से प्यार तक का सफर तय किया और घर-परिवार छोड़कर प्रेमी के साथ फरार हो गई।
घटना का पूरा मामला
एटा के अलीगंज तहसील के झकरई गाँव की रहने वाली 28 साल-लगभग उम्र की महिला (नाम प्रकाशित नहीं) ने लगभग 4 महीनों पहले इंस्टाग्राम पर एक युवक (बदायूं जिले का निवासी) से बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे वो दोस्ती प्यार में बदल गई। महिला पहले से शादी शुदा थी, उसके पति एवं ससुर के साथ-साथ 4 बच्चे भी थे। एक दिन अचानक महिला घर से लापता हो गई। जब बच्चे स्कूल से लौटे, तो माँ घर नहीं मिली थी। पूरे घर और गाँव में उसकी तलाश की गई।
पुलिस जांच में महिला के सोशल-मीडिया चैट, कॉल डिटेल व इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर ध्यान गया। लगभग 24–25 दिन बाद पुलिस ने उसे प्रेमी के साथ-साथ बरामद किया। जब उसे एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, तो उसने छोटे-छोटे बच्चों को रोता हुआ देखा गया, लेकिन उसने कह दिया कि वह अब अपने पति और बच्चों के साथ नहीं रहना चाहती, बल्कि अपने इंस्टाग्राम-प्रेमी के साथ रहना चाहती है।
महिला ने अपने पति पर आरोप भी लगाए हैं — शराब पीने, जुआ खेलने व रात में अजनबियों को घर लाने तथा उससे जबरन गलत संबंध बनाने का दबाव डालने का आरोप लगाया। इन कारणों से उसने निर्णय लिया कि अब वह उस जीवन में नहीं रहना चाहती। वहीं पति-ससुर ने कहा है कि मोबाइल-इंस्टाग्राम की लत ने उनका जीवन बर्बाद कर दिया। बच्चे अब उनकी माँ को हर समय कहते रहे “मम्मी… मम्मी…” लेकिन माँ ने उनकी आवाज-सुनवाई छोड़ दी और मां को मासूम बच्चों पर तरस ना आया।
सामाजिक-मानवीय पहलू :-
इस मामले ने सोशल-मीडिया (विशेष रूप से इंस्टाग्राम) के प्रभाव की एक बड़ी झलक दिखाई है — जहाँ संचार, दोस्ती, अंततः प्यार के रूप में बदल सकता है, और यह पारंपरिक पारिवारिक व्यवस्थाओं को चुनौती देता नजर आता है। चार बच्चों तथा एक पति-ससुर के होते हुए भी महिला ने ऐसा कदम उठाना — यह बताता है कि व्यक्तिगत असहायता या पारिवारिक समस्याएँ कितनी गहरी हो सकती हैं कि व्यक्ति पारंपरिक सुरक्षा छोड़कर नया रास्ता चुनने को तैयार हो जाए। परिवार की स्थिति, बच्चों की मानसिकता व भविष्य — ये सब बहुत संवेदनशील हैं। मां की अनुपस्थिति बच्चों के लिए भारी संकट बन सकती है। यह मामला परिवार, समाज और कानून की दृष्टि से जटिल है — महिला का कदम निजी स्वतंत्रता का सवाल उठाता है, लेकिन बच्चों की देखभाल, पिता की जिम्मेदारी, सामाजिक बंधन आदि भी प्रश्न हैं।
कानूनी-प्रशासनिक पहलू:-
पुलिस ने महिला को बरामद किया और न्यायालय में पेश किया गया। महिला ने अपना बयान दिया कि वह अब पति के साथ नहीं रहना चाहती और प्रेमी के साथ ही रहना चाहती है। यह निर्णय कानूनी तौर-पर उसकी इच्छा-प्रकट करता है, लेकिन बच्चों की देखभाल व उत्तरदायित्व का प्रश्न अभी खुला है। समाज और परिवार ने इस घटना को “माँ की जिम्मेदारी पर आघात” के रूप में देखा है। कोर्ट परिसर में बच्चे एवं ससुर-ससुराल वाले भावुक हो उठे थे।
महत्वपूर्ण निष्कर्ष:-
यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि आज-कल के बदलते सामाजिक-माध्यमों, पारिवारिक मूल्यों और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच संघर्ष का एक उदाहरण है। एक ओर जहाँ व्यक्ति अपनी खुशी-संतुष्टि चाहता है, वहीं दूसरी ओर पारिवारिक दायित्व, बच्चों की परवरिश, सामाजिक अपेक्षाएँ भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
