अलीगढ़,
अलीगढ़ जनपद के अतरौली क्षेत्र में एक बार फिर निजी हॉस्पिटलों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि “माँ शीतलता हॉस्पिटल” नामक निजी अस्पताल में पिंटू नाम का व्यक्ति, जो केवल ओटी (ऑपरेशन थिएटर) डिप्लोमा धारक है, वह डॉक्टर बनकर ऑपरेशन कर रहा है। यही नहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह व्यक्ति अक्सर शराब के नशे में ऑपरेशन करता है, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ी रहती है।
जांच की मांग उठी:-
सूत्रों के अनुसार, यह अस्पताल अतरौली के व्यस्त इलाके में स्थित है, जहाँ रोज़ाना कई मरीज इलाज के लिए आते हैं। परंतु पिछले कुछ समय से अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि पिंटू नाम का युवक खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का ऑपरेशन करता है, जबकि उसकी योग्यता केवल ओटी असिस्टेंट का डिप्लोमा है, न कि एमबीबीएस या सर्जरी की किसी मान्यता प्राप्त डिग्री का प्रमाणपत्र। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार यह व्यक्ति नशे की हालत में भी मरीजों को टांके लगाते और ऑपरेशन करते देखा गया है, जो स्वास्थ्य नियमों की सीधी अवहेलना है।
नियमों की धज्जियां उड़ रहीं
भारत में मेडिकल काउंसिल के नियमों के तहत केवल एमबीबीएस व एमएस/एमडी योग्य डॉक्टर को ही सर्जरी या ऑपरेशन करने की अनुमति होती है। परंतु “माँ शीतलता हॉस्पिटल” में इस नियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह भी बताया जा रहा है कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन किसी और डॉक्टर के नाम पर है, लेकिन मौके पर वह डॉक्टर कभी बैठता ही नहीं। वहीं अस्पताल में असली इलाज पिंटू और उसकी टीम द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रशिक्षित डॉक्टरों की अनुपस्थिति रहती है।
स्थानीय लोगों की राय :-
अतरौली के एक निवासी ने बताया —
“हमने कई बार देखा है कि पिंटू शराब के नशे में मरीजों को देखता है। कई मरीजों की तबियत बिगड़ने की शिकायतें भी आई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रशासन को इसकी जांच करानी चाहिए।”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा —
“अगर किसी मरीज को कुछ हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा? बिना डिग्री वाले लोगों को ऑपरेशन की अनुमति कैसे दी जा सकती है?”
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध:-
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। यह अस्पताल लंबे समय से संचालित हो रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस जांच नहीं हुई। विभाग के कुछ अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे ऐसी अनियमितताओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह न केवल मरीजों की जान से खिलवाड़ है, बल्कि कानूनी अपराध भी है।
लोगों की अपील:-
स्थानीय जनता ने अलीगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से अपील की है कि “माँ शीतलता हॉस्पिटल” की तुरंत जांच कराई जाए और यह देखा जाए कि क्या वहाँ योग्य डॉक्टर मौजूद हैं या नहीं। साथ ही पिंटू नामक व्यक्ति की डिग्री, लाइसेंस और मेडिकल योग्यता की भी जांच होनी चाहिए।
निष्कर्ष:-
अतरौली जैसे कस्बों में इस तरह की घटनाएँ यह साबित करती हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और अवैध प्रैक्टिस का जाल गहराता जा रहा है। यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो किसी दिन यह लापरवाही किसी निर्दोष मरीज की जान ले सकती है।
जनता की मांग है —
“माँ शीतलता हॉस्पिटल” की उच्चस्तरीय जांच हो, पिंटू की मेडिकल योग्यता सत्यापित की जाए और यदि आरोप सही मिलें तो कड़ी कार्रवाई की जाए।





