रिश्वतखोरी का शिलशिला बढ़ता ही जा रहा है जगह जगह विभागों में रिश्वतखोर पनप रहे हैं, योगी सरकार के एक्शन मोड़ में होने के बाबजूद भी रिश्वतखोरों को खौफ नहीं है जबकि इन्हें पता है कि ऐसी गलती का अंजाम क्या होगा फिर भी आदत से बाज नहीं आते ऐसे रिश्वतखोरों से जनता काफी परेशान है। आखिर एंटीकरप्शन टीम ने एक रिश्वतखोर दबोच ही लिया।
बीते 45 दिनों के अंदर एंटीकरप्शन टीम ने 2 रिश्वतखोरों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। कासगंज के विकास भवन के DDO ऑफिस में नौकरी कर रहे प्रवीण को रिश्वत लेते दबोचा था। जो ऑडिट के लिए 25000 ₹ की रिश्वत ले रहा था। प्रवीण की गिरफ्तारी से पूरे जनपद में हड़कम्प सा मच गया। वहीं दूसरा रिश्वतखोर 1 मई 2025 को दबोचा जिसका नाम वीरेंद्र है जो पचलाना , सरावली क्षेत्र में लेखपाल के पद पर तैनात है। जिसने एक किसान से जमीन की पैमाइस के लिए 30,000 ₹ की मांग की थी जिसमें किसान ने 15000 ₹ पहले दिए तभी एंटीकरप्शन टीम ने लेखपाल को रंगेहाथों दबोच लिया। जरा जरा से काम के लिए लेखपालों का रिश्वत लेने आम बात हो गई है। ऐसे रिश्वतखोर कर्मचारियों को बेनकाब करने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है जिससे रिश्वतखोर अब सतर्क हो गये हैं। ऐसी ताबड़तोड़ कार्यवाहियां पहली बार देखने को मिली हैं जिससे अब जनता भी जागरूक हो गई है।