एटा जिले के मारहरा क्षेत्र में हरे आम के पेड़ों की कटाई को लेकर बड़ा विवाद।
ग्रामीणों का आरोप — विभाग ने बिना जांच के ही हरे और फलदार पेड़ों को सूखा बताकर अनुमति दे दी।
स्थानीय लोगों का कहना — ये पेड़ अब भी फल दे रहे थे, पर्यावरण और आजीविका दोनों से जुड़े हैं।
वन विभाग का पक्ष — प्रक्रिया नियमों के तहत हुई, केवल बीमार और कमजोर पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गई।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मत — फलदार पेड़ों की कटाई से पर्यावरण असंतुलन और गर्मी बढ़ेगी।
ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन, लगाए पोस्टर — “पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ”।
जिला प्रशासन ने तलब की रिपोर्ट, जांच में लापरवाही साबित होने पर कार्रवाई की संभावना।
लोगों की मांग — हरे पेड़ों की अनुमति तुरंत रद्द की जाए।
विशेषज्ञों का सुझाव — भविष्य में हर अनुमति से पहले स्वतंत्र पर्यावरण सर्वे जरूरी।
अंतिम सवाल — क्या प्रशासन हरे पेड़ों की हरियाली बचा पाएगा या कागजों में ही रह जाएगी पर्यावरण की सुरक्षा?





